धातरोग, जिसे आमतौर पर ‘धात’ के रूप में जाना जाता है, इसको इंग्लिश में स्पर्मटोरिया कहते है। जिसकी वजह से पुरुषों में बिना किसी यौन संबंध या क्रिया से वीर्य निकलने लगता है। यह पुरुषों की एक समस्या है जिसमें वीर्य की अत्यधिक मात्रा में हानि होती है। कई बार पेशाब करते समय मूत्र के साथ वीर्य निकलता है। यह समस्या मुख्य रूप से युवा उम्र के लड़कों में ज्यादा देखने को मिल रही है। यह एक पुरुष के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
धातरोग के बारे में और ज्यादा जानकारी और इसके आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानने के लिए बने रहे। आप हमारे आर्टिकल को अच्छे से पढ़ें। आपको धात रोग के बारे में सही जानकारी मिलेगी।
धातरोग के मुख्य कारण
अत्यधिक हस्तमैथुन करना: अगर कोई बहुत अधिक हस्तमैथुन करता है तो उसके मूत्राशय में गर्मी के कारण धातरोग धातु रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। आज के समय में गलत संगती में रह कर युवा ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसके कारण बाद में बहुत तरह की सेक्स समस्या का सामना करना पड़ता है।
कामुक फिल्म देखना या अश्लील साहित्य पढ़ना: आज का समय इंटरनेट का युग है और आज युवाओं को पोर्न फिल्म आसानी से मिल जाती है जिसके कारण उनके विचार में अश्लील चित्र घूमते रहते हैं। अधिक देर तक उत्तेजित रहने से लिंग से पतला सफ़ेद रंग का द्रव्य निकलने लगता है और इससे धातरोग की समस्या सामने आती है।
कब्ज होने के कारण: जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, मतलब उन्हें खाना ढंग से नहीं पचता और पेट में कब्ज रहता है, ऐसे लोगों को भी धातरोग होने का खतरा बना रहता है।
असंतुलित भोजन के सेवन से: अगर आप अक्सर ज्यादा तला हुआ या मिर्च मसाले वाला भोजन लेते हैं, जिससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते, तो यह भी धातरोग की एक वजह बन सकता है। तला हुआ या ज्यादा गर्म मसाले सीधे आपके मूत्राशय पर असर करते हैं।
धात रोग के लक्षण
वीर्य का अनियंत्रित स्राव: जब आप बाथरूम के लिए या फ्रेश होने के लिए जाते हैं तो बाथरूम के पहले या बाद में वीर्य की कुछ बूंदें निकलती हैं, जिसे धात कहते हैं।
शारीरिक कमजोरी: लगातार हो रही धात की समस्या से व्यक्ति शारीरिक कमजोरी, थकावट और कमर में दर्द महसूस करता है, जिससे इंसान खुद को थका हुआ महसूस करता है।
मानसिक कमजोरी: धात रोग की समस्या व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। व्यक्ति को अपने आप उदासी, चिंता और थकान होने लगती है और उसका किसी भी कार्य में मन नहीं लगता।
पेशाब करने में जलन: जो पुरुष धातरोग की समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें पेशाब करते समय जलन महसूस हो सकती है। यह भी एक मुख्य लक्षण है।
नींद की समस्या: जो पुरुष धात की समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें नींद की समस्या हो सकती है और व्यक्ति को अच्छी नींद नहीं आती, जिससे वह खुद को थका हुआ महसूस करते हैं।
यौन ताकत का कमजोर हो जाना: धातरोग के कारण व्यक्ति की यौन ताकत में कमी आ जाती है, जिससे उन्हें यौन संबंध बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पुरुषों की सेक्स पावर में कमी आ जाती है।
धातरोग का आयुर्वेदिक उपचार
दही का सेवन: दही के सेवन से आप धात रोग की समस्या को काफी हद तक दूर कर सकते हैं। दही की तासीर ठंडी होती है। इसके लिए रोजाना 2 से 3 कप दही का सेवन करना चाहिए।
लौकी का जूस: धात रोग के साथ-साथ स्वप्नदोष की समस्या में भी लाभकारी होता है। इसके सेवन से कुछ ही दिनों में फायदा दिखने लगता है।
स्वागुन के टाइम ऑन कैप्सूल का नियमित प्रयोग : इस कैप्सूल का सुबह शाम सेवन करके आप धात रोग को जड़ से खत्म कर सकते हैं। यह आपके मूत्राशय की गर्मी को दूर कर मांसपेशियों में ताकत भर देता है, जिससे कुछ ही समय में धात रोग दूर हो सकता है।
कब्ज की समस्या का समाधान: यदि आपको कब्ज की शिकायत है, तो इसे नजरअंदाज बिल्कुल ना करें। अपना खानपान ठीक करें और रात को सोते समय पेट खाली पाउडर का प्रयोग गर्म पानी के साथ करें।
निष्कर्ष
यह थी कुछ आयुर्वेदिक जानकारी जिससे आप धात रोग से छुटकारा पा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप अमन आयुर्वेदिक क्लिनिक में संपर्क कर सकते हैं, जहां पर डॉ. रवि कपूर पानीपत के सबसे बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट हैं जो पिछले 15 वर्षों से गुप्त रोगियों का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज कर रहे हैं। जो धात रोग, शीघ्रपतन, नपुंसकता, स्वप्नदोष, कम शुक्राणु, पाइल्स, फिस्टुला और फिसर रोगों के विशेषज्ञ हैं।
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